दशरथ कृत शनि स्तोत्र Dashrath Krit Shani Stotra

दशरथ कृत शनि स्तोत्र - Dashrath Krit Shani Stotra

हनुमान कृत श्रीराम स्तुति एक अद्भुत और पवित्र प्रार्थना है जो भक्त शिरोमणि हनुमान द्वारा श्रीराम की महिमा का गान करती है। इस स्तुति में, हनुमान जी श्रीराम के अनेक गुणों, उनकी वीरता, उनके धर्म के प्रति समर्पण और उनकी करुणा का वर्णन करते हैं। यह स्तुति भक्तों को श्रीराम के चरणों में सच्ची भक्ति और समर्पण की भावना से भर देती है। इसके पाठ से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि आत्मा को भी एक नई ऊर्जा का अनुभव होता है। हनुमान कृत श्रीराम स्तुति का जप व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करता है और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने में सहायक होता है।

Dashrath Krit Shani Stotra Lyrics – दशरथ कृत शनि स्तोत्र

॥ दशरथ कृत शनि स्तोत्र॥

नमः कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च ।
नमः कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नमः ॥१॥

नमो निर्मासदेहाय दिर्घश्मश्रुजटाय च ।
नमो विशालनेत्रायशुष्काय भयाक्रते ॥२॥

नमः पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्ने च वै पुनः ।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्राय ते नमः ॥३॥

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्षाय वैनमः ।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने ॥४॥

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुखाय ते नमः |
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्कराऽभयदाय च ॥५॥

अधोद्रष्टे नमस्तेऽस्तु संवर्तकाय ते नमः ।
नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते ॥६॥

तपसा दग्ध देहाय नित्यं योगरताय च ।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नमः ॥ ७॥

ज्ञानचक्षुष्मते तुभ्यं काश्यपात्मजसूनवे ।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ॥८॥

देवासुरमनुष्याश्य सिद्धविद्याधरोरगाः ।
त्वया विलोकिताः सर्वे नाशं यान्ति च मूलतः ॥९॥

प्रसादं कुरु मे देव वरार्होऽस्मात्युपात्रतः ।
मया स्तुतः प्रसन्नास्यः सर्व सौभाग्य दायक: ॥१०॥