Durga Chalisa Hindi – मां दुर्गा चालीसा

Durga Chalisa Lyrics Hindi

दुर्गा चालीसा एक प्रसिद्ध हिंदू पौराणिक पाठ है जो मां दुर्गा की महिमा, शक्ति और कृपा का वर्णन करता है। यह चालीसा सच्ची भक्ति और श्रद्धा के साथ पढ़ी जाती है और मां दुर्गा के आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक मार्ग प्रशस्त करती है। धार्मिक दृष्टि से, मां दुर्गा विशेष आदिशक्ति की प्रतिष्ठा की जाती है और उनकी पूजा और चालीसा का विशेष महत्व होता है। दुर्गा चालीसा के पाठ से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और भक्त की उत्कट इच्छाओं को पूरा करने में सहायता मिलती है। (See in english Durga Chalisa)

Durga Chalisa Lyrics in Hindi – मां दुर्गा चालीसा पाठ

॥ चौपाई ॥

नमो नमो दुर्गे सुख करनी ।
नमो नमो अंबे दुःख हरनी ॥ १ ॥

निरंकार है ज्योति तुम्हारी ।
तिहूँ लोक फैली उजियारी ॥ २ ॥

शशि ललाट मुख महाविशाला ।
नेत्र लाल भृकुटि विकराला ॥ ३ ॥

रूप मातु को अधिक सुहावे ।
दरश करत जन अति सुख पावे ॥ ४ ॥


तुम संसार शक्ति लय कीना ।
पालन हेतु अन्न धन दीना ॥ ५ ॥

अन्नपूर्णा हुयि जग पाला ।
तुम ही आदि सुंदरी बाला ॥ ६ ॥

प्रलयकाल सब नाशन हारी ।
तुम गौरी शिव शंकर प्यारी ॥ ७ ॥

शिव योगी तुम्हरे गुण गावें ।
ब्रह्मा विष्णु तुम्हें नित ध्यावें ॥ ८ ॥

रूप सरस्वती का तुम धारा ।
दे सुबुद्धि ऋषि मुनिन उबारा ॥ ९ ॥

धरा रूप नरसिंह को अंबा ।
परगट भयि फाड के खंबा ॥ १० ॥

रक्षा कर प्रह्लाद बचायो ।
हिरण्याक्ष को स्वर्ग पठायो ॥ ११ ॥

लक्ष्मी रूप धरो जग माहीं ।
श्री नारायण अंग समाहीं ॥ १२ ॥

क्षीरसिंधु में करत विलासा ।
दयासिंधु दीजै मन आसा ॥ १३ ॥

हिंगलाज में तुम्हीं भवानी ।
महिमा अमित न जात बखानी ॥ १४ ॥

मातंगी धूमावति माता ।
भुवनेश्वरी बगला सुखदाता ॥ १५ ॥

श्री भैरव तारा जग तारिणी ।
छिन्न भाल भव दुःख निवारिणी ॥ १६ ॥

केहरि वाहन सोह भवानी ।
लांगुर वीर चलत अगवानी ॥ १७ ॥

कर में खप्पर खडग विराजे ।
जाको देख काल डर भाजे ॥ १८ ॥

तोहे कर में अस्त्र त्रिशूला ।
जाते उठत शत्रु हिय शूला ॥ १९ ॥

नगरकोटि में तुम्हीं विराजत ।
तिहुँ लोक में डंका बाजत ॥ २० ॥

शुंभ निशुंभ दानव तुम मारे ।
रक्तबीज शंखन संहारे ॥ २१ ॥

महिषासुर नृप अति अभिमानी ।
जेहि अघ भार मही अकुलानी ॥ २२ ॥

रूप कराल कालिका धारा ।
सेन सहित तुम तिहि संहारा ॥ २३ ॥

पडी भीढ संतन पर जब जब ।
भयि सहाय मातु तुम तब तब ॥ २४ ॥

अमरपुरी अरु बासव लोका ।
तब महिमा सब कहें अशोका ॥ २५ ॥

ज्वाला में है ज्योति तुम्हारी ।
तुम्हें सदा पूजें नर नारी ॥ २६ ॥

प्रेम भक्ति से जो यश गावें ।
दुःख दारिद्र निकट नहिं आवें ॥ २७ ॥

ध्यावे तुम्हें जो नर मन लायि ।
जन्म मरण ते सौं छुट जायि ॥ २८ ॥

जोगी सुर मुनि कहत पुकारी ।
योग न होयि बिन शक्ति तुम्हारी ॥ २९ ॥

शंकर आचारज तप कीनो ।
काम अरु क्रोध जीत सब लीनो ॥ ३० ॥

निशिदिन ध्यान धरो शंकर को ।
काहु काल नहिं सुमिरो तुमको ॥ ३१ ॥

शक्ति रूप को मरम न पायो ।
शक्ति गयी तब मन पछतायो ॥ ३२ ॥

शरणागत हुयि कीर्ति बखानी ।
जय जय जय जगदंब भवानी ॥ ३३ ॥

भयि प्रसन्न आदि जगदंबा ।
दयि शक्ति नहिं कीन विलंबा ॥ ३४ ॥

मोको मातु कष्ट अति घेरो ।
तुम बिन कौन हरै दुःख मेरो ॥ ३५ ॥

आशा तृष्णा निपट सतावें ।
रिपु मूरख मॊहि अति दर पावैं ॥ ३६ ॥

शत्रु नाश कीजै महारानी ।
सुमिरौं इकचित तुम्हें भवानी ॥ ३७ ॥

करो कृपा हे मातु दयाला ।
ऋद्धि-सिद्धि दे करहु निहाला । ३८ ॥

जब लगि जियूँ दया फल पावूँ ।
तुम्हरो यश मैं सदा सुनावूँ ॥ ३९ ॥

दुर्गा चालीसा जो गावै ।
सब सुख भोग परमपद पावै ॥ ४० ॥

॥ दोहा 

देवीदास शरण निज जानी ।
करहु कृपा जगदंब भवानी ॥

Durga Chalisa Lyrics in Hindi PDF दुर्गा चालीसा

Durga Chalisa Lyrics in Hindi Image

Durga Chalisa Lyrics in Hindi