हनुमान स्तुति’ एक भक्तिमय वंदना है, जो पवनपुत्र हनुमान की अनंत ऊर्जा और समर्पण को समर्पित है। इस स्तुति में उनकी शक्ति, ज्ञान, वफादारी और राम सेवा की प्रशंसा की गई है। श्री हनुमान, जिन्हें उनके अनुयायी संकटों का निवारण करने वाले के रूप में पूजते हैं, उनकी इस स्तुति से भक्तों में आत्म-साहस और शक्ति का विकास होता है। इसके जाप से भक्तों का मनोबल बढ़ता है और वे जीवन की कठिनाइयों को धैर्यपूर्वक सहन करने की शक्ति पाते हैं। यह स्तुति उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है।
Hanuman Stuti Lyrics – हनुमान स्तुति
॥ हनुमान स्तुति॥
नमो केसरी पूत महावीर वीरं, मंङ्गलागार रणरङ्गधीरं।
कपिवेष महेष वीरेश धीरं, नमो राम दूतं स्वयं रघुवीरं।
नमो अञ्जनानंदनं धीर वेषं, नमो सुखदाता हर्ता क्लेशं।
किए काम भगतों के तुमने सारे, मिटा दुःख दारिद संकट निवारे।
सुग्रीव का काज तुमने संवारा, मिला राम से शोक संताप टारा।
गये पार वारिधि लंका जलाई, हता पुत्र रावण सिया खोज लाई।
सिया का प्रभु को सभी दुःख सुनाया, लखन पर पड़ा कष्ट तुमने मिटाया।
सभी काज रघुवर के तुमने संवारे, सभी कष्ट हरना पड़े तेरे द्वारे।
कहे दास तेरा तुम्हीं मेरे स्वामी, हरो विघ्न सरे नमामी नमामी।