राम स्तुति Ram Stuti

Ram Stuti - राम स्तुति

राम स्तुति एक पवित्र भक्ति गीत है जो भगवान राम की महिमा का गान करता है। यह स्तुति भक्तों द्वारा अपने आराध्य देव की उपासना और प्रशंसा में गाई जाती है। राम स्तुति में भगवान राम के चरित्र, उनके गुणों, वीरता और उनके दिव्य लीलाओं का वर्णन होता है। यह स्तुति भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है और उन्हें धार्मिक आस्था की गहराई में ले जाती है। राम स्तुति का पाठ करने से भक्तों में नैतिक मूल्यों और आदर्शों की भावना जागृत होती है और वे जीवन में सकारात्मकता की ओर अग्रसर होते हैं।

Ram Stuti Lyrics – राम स्तुति

॥ राम स्तुति॥

वन्दे देवं विष्णुमशेषस्थितिहेतुं त्वामध्यात्मज्ञानिभिरन्तर्ह्रदि भाव्यम् ।

हेयाहेयद्वंद्वविहीनं परमेकं सत्तामात्रं सर्वह्रदिस्थं दृशिरूपम् ।।१।।

प्राणापानौ निश्चयबुद्धया ह्रदि रुद्ध्वा छित्त्वा सर्वं संशयबन्धं विषयौघान् ।

पश्यन्तीशं यं गतमोहा यतयस्तं वन्दे रामं रत्नकिरीटं रविभासम् ।।२।।

मायातीतं माधवमाधं जगदादिं मानातीतं मोहविनाशं मुनिवन्धम् ।

योगिध्येयं योगविधानं परिपूर्णं वन्दे रामं रञ्जितलोकं रमणीयम् ।।३।।

भावाभावप्रत्ययहीनं भवमुख्यैर्योगासक्तैरर्चितपादाम्बुजयुग्मम् ।

नित्यं शुद्धं बुद्धमनन्तं प्रणवाख्यं वन्दे रामं वीरमशेषासुरदावम् ।।४।।

त्वं मे नाथो नाथितकार्याखिलकारी मानातीतो माधवरूपोऽखिलधारी ।

भक्त्या गम्यो भावितरूपो भवहारी योगाभ्यासैर्भावितचेत:सहचारी ।।५।।

त्वामाधन्तं लोकततीनां परमीशं लोकानां नो लौकिकमानैरधिगम्यम् ।

भक्तिश्रद्धाभावसमेतैर्भजनीयं वन्दे रामं सुंदरमिन्दीवरनीलम् ।।६।।

कोवा ज्ञातुं त्वामतिमानं गतमानं मायासक्तो माधव शक्तो मुनिमान्यम् ।

वृन्दारण्ये वन्दितवृन्दारकवृन्दं वन्दे रामं भवमुखवन्धं सुखकंदम् ।।७।।

नानाशास्त्रैर्वेदकदम्बै: प्रतिपाधं नित्यानन्दं निर्विषयज्ञानमनादिम् ।

मत्सेवार्थं मानुषभावं प्रतिपन्नं वन्दे रामं मरकतवर्णं मथुरेशम् ।।८।।

श्रद्धायुक्तो य: पठतीमं स्तवमाधं ब्राहमां ब्रह्मज्ञानविधानं भुवि मर्त्य: ।

रामं श्यामं कामितकामप्रदमीशं ध्यात्वा ध्याता पातकजालैर्विगत: स्यात् ।।९।।