Shani Chalisa in Hindi – श्री शनि चालीसा

Shani Chalisa in Hindi - शनि चालीसा

शनि चालीसा एक प्रमुख धार्मिक पाठ है जो शनि देव की आराधना के लिए की जाती है। यह पाठ हिन्दू धर्म में श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। इसमें शनि देव की महिमा, उनके लाभ, चालीसा के मंत्र और पाठ करने का विधान शामिल होता है। शनि देव हिन्दू धर्म में एक प्रमुख देवता माने जाते हैं। वे कर्मफल के देवता हैं और उन्हें शनि ग्रह के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। शनि देव की आराधना से भक्तों को उनके पापों का नाश होता है और उन्हें धार्मिक और आर्थिक संघर्षों से रक्षा मिलती है। शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है और उनकी कृपा से भक्तों को सुख और समृद्धि मिलती है।

Shani Chalisa Lyrics in Hindi – श्री शनि देव चालीसा गीत

दोहा

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।

दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥


जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥

॥ चौपाई ॥

जयति जयति शनिदेव दयाला ।

करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥१॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । 

माथे रतन मुकुट छबि छाजै ॥२॥

रम विशाल मनोहर भाला ।

टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥३॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके ।

हिय माल मुक्तन मणि दमके ॥४॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा ।

पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥५॥

पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन । 

यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन ॥६॥

सौरी, मन्द, शनी, दश नामा । 

भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥७॥

जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं ।

रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं ॥८॥

पर्वतहू तृण होई निहारत । 

तृणहू को पर्वत करि डारत ॥९॥

राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो ।

कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो ॥१०॥

बनहूँ में मृग कपट दिखाई ।

मातु जानकी गई चुराई ॥११॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा ।

मचिगा दल में हाहाकारा ॥१२॥

रावण की गति-मति बौराई ।

रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥१३॥

दियो कीट करि कंचन लंका ।

बजि बजरंग बीर की डंका ॥१४॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा ।

चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥१५॥

हार नौलखा लाग्यो चोरी ।

हाथ पैर डरवायो तोरी ॥१६॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो ।

तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥१७॥

विनय राग दीपक महं कीन्हयों ।

तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों ॥१८॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी ।

आपहुं भरे डोम घर पानी ॥१९॥

तैसे नल पर दशा सिरानी ।

भूंजी-मीन कूद गई पानी ॥२०॥

श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई ।

पारवती को सती कराई ॥२१॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा ।

नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥२२॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी ।

बची द्रौपदी होति उघारी ॥२३॥

कौरव के भी गति मति मारयो । 

युद्ध महाभारत करि डारयो ॥२४॥

रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला ।

लेकर कूदि परयो पाताला ॥२५॥

शेष देव-लखि विनती लाई ।

रवि को मुख ते दियो छुड़ाई ॥२६॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना ।

जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना ॥२७॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी ।

सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥२८॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं ।

हय ते सुख सम्पति उपजावैं ॥२९॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा ।

सिंह सिद्धकर राज समाजा ॥३०॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै ।

मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥३१॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी ।

चोरी आदि होय डर भारी ॥३२॥

तैसहि चारि चरण यह नामा ।

स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा ॥३३॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । 

धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं ॥३४॥

समता ताम्र रजत शुभकारी ।

स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी ॥३५॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै ।

कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥३६॥

अद्भुत नाथ दिखावैं लीला ।

करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥३७॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई ।

विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥३८॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत ।

दीप दान दै बहु सुख पावत ॥३९॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा ।

शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥४०॥

॥ दोहा ॥

पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार ।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥

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Shani Chalisa Lyrics in Hindi

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शनि चालीसा के लाभ:

  • शनि चालीसा पाठ करने से आपके जीवन में स्थिरता और सफलता आती है।
  • यह चालीसा आपको अशुभ ग्रह के दोषों से मुक्ति दिलाती है।
  • यह चालीसा आपको मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है।
  • यह चालीसा आपके व्यापार और करियर में सफलता लाती है।
  • शनि चालीसा पाठ करने से आपके धन की वृद्धि होती है और आर्थिक समस्याओं का समाधान मिलता है।

शनि देव की आराधना कैसे करें:

शनि देव की आराधना करने के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

  • प्रातःकाल में स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
  • पूजा स्थल को साफ करें और उस पर शनि देव की मूर्ति या फोटो रखें।
  • पूजा के लिए अपने घर में एक शनि मंदिर स्थापित करें।
  • शनि देव के लिए पुष्प, धूप, दीप, और नैवेद्य लेकर पूजा करें।
  • शनि चालीसा का पाठ करें और अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ उनकी कृपा का आशीर्वाद लें।