विघ्न नाशक गणेश स्तुति Vighna Nashak Ganesh Stuti

Vighna Nashak Ganesh Stuti - विघ्न नाशक गणेश स्तुति

विघ्न नाशक गणेश स्तुति, भारतीय धर्म ग्रंथों में एक अत्यंत प्रशंसित पाठ है, जो भगवान गणेश की दिव्यता और शक्तियों का वर्णन करता है। इस स्तुति का पाठ करने से विघ्नों का नाश होता है और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। गणेशजी को विघ्नहर्ता और बुद्धि के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह स्तुति उनकी अनुकंपा और आशीर्वाद को आकर्षित करने का एक शक्तिशाली साधन है। इसके श्लोकों में गणेशजी के विभिन्न रूपों और लीलाओं का सुंदर चित्रण किया गया है।

Vighna Nashak Ganesh Stuti Lyrics – विघ्न नाशक गणेश स्तुति

॥ विघ्न नाशक गणेश स्तुति॥

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय ।
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥

भक्तार्तिनाशनपराय गणेश्वराय सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय ।
विद्याधराय विकटाय च वामनाय भक्तप्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते ॥

नमस्ते ब्रह्मरूपायविष्णुरूपाय ते नमः नमस्ते रुद्ररूपाय करिरूपाय ते नमः ।
विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारिणे भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यंविनायक ॥

त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति ।
विद्याप्रदेत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव ॥

त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया
सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्तिहेतुः ॥

ॐ भूर्भुवः स्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:
प्रार्थनापूर्वकं नमस्कारान् समर्पयामि ।
गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम् ।
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोऽस्तु सदा मम।