मार्ग सहाए शिवलिंगम स्तुति एक संस्कृत भजन है, जो भगवान शिव की प्रशंसा के लिए लिखा गया है। इस भजन में शिवलिंग के अनेक प्रतीकित गुणों का वर्णन है, जो शिव की शक्ति, कृपा, सुंदरता, ज्ञान और आनंद का प्रतिबिम्ब हैं। इस भजन की अभिप्राय शिव का भक्ति करने वाले साधकों को आध्यात्मिक मार्ग में सहायता और निर्देश देना है। (See शिव चालीसा in hindi)
Marga Sahaya Shivlingam Stuti Lyrics – मार्ग सहाए शिवलिंगम स्तुति
॥ मार्ग सहाए शिवलिंगम स्तुति॥
पयोनाधि थीर निवास लिङ्गं, बालार्क कोटि प्रथिमं त्रिनेथ्रं ।
पद्मस्नेरचिथ दिव्य लिङ्गं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥१॥
गङ्गा थारङ्गोल्लस दुग्दमङ्गं, गजेन्द्र चर्मंबर भूषिथाङ्गं ।
ग़ोव्रि मुखंभोज विलोल बृङ्गं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥२॥
सुकन्कानि भूथ महा भुजङ्गं, संज्ञान संपूर्ण निजन्थरङ्गं ।
सुर्येण्डु बिम्बनल भूषिथाङ्गं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥३॥
भक्था प्रियं भव विलोल बृङ्गं, भक्थानुकूला अमल भूषिथाङ्गं ।
भाविक लोकन्थरं अधि लिङ्गं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥४॥
सामप्रियं सोउम्य महेस लिङ्गं, समप्रधं सोउम्य कदक्ष लिङ्गं ।
वामङ्ग सोउन्दर्य विलोलिथाङ्गं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥५॥
पञ्चाक्षरी भूथ सहस्र लिङ्गं, पञ्चमृथ स्नान परयनाङ्गं ।
पञ्चमृथं भोज विलोल बृङ्गं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥६॥
वन्दे सुररधिथ पद पद्मं, श्री श्यमवल्ली रमणं महेसं ।
वन्दे महा मेरु सारसानां शिवं, वन्धामहे मार्ग सहाय लिङ्गं ॥७॥