श्री कृष्ण जी की आरती – Krishna Aarti

Sri Krishna Aarti Hindi

कृष्ण आरती: आत्मा की शांति की तलाश में, हम सभी अपने भगवान के पास आत्मा को समर्पित करने का प्रयास करते हैं। भक्ति की गहरी भावनाओं को व्यक्त करने का यह एक अद्वितीय तरीका है, जो हमारे मन और आत्मा को दिव्यता की ओर ले जाता है। (See कृष्ण चालीसा in hindi)

Sri Krishna Aarti Hindi Lyrics – श्री कृष्ण जी की आरती

॥ श्री कृष्ण आरती ॥

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ।
गले में बैजन्तीमाला, बजावैं मुरलि मधुर बाला ॥
श्रवण में कुंडल झलकाता, नंद के आनंद नन्दलाला ।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गगन सम अंगकान्ति काली, राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली, भ्रमर-सी अलक कस्तूरी तिलक ॥
चंद्र-सी झलक, ललित छबि श्यामा प्यारी की ।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसैं, देवता दरसन को तरसैं ।
गगन से सुमन राशि बरसैं, बजै मुरचंग मधुर मृदंग ॥
ग्वालिनी संग-अतुल, रति गोपकुमारी की ।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जहां से प्रगट भई गंगा, सकल मल हारिणी श्री गंगा ।
स्मरण ते होत मोहभंगा बसी शिव शीश जटा के बीच ॥
हरै अघ-कीच, चरण छवि श्री बनवारी की।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृदांवन वेनू।
चहुं दिशि गोपी ग्वालधेनु, हंसत मृदुमन्द चांदनी चंद ॥
कटत भवफन्द, टेर सुनु दीन दुखारी की ।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

Krishna ji ki Aarti Lyrics in Hindi PDF कृष्ण आरती PDF

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Sri Krishna Aarti Lyrics Hindi

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प्रस्तावना

कृष्ण आरती एक प्रमुख हिन्दू धार्मिक प्रक्रिया है, जो श्रीकृष्ण की पूजा में की जाती है। यह आरती भक्तों के लिए एक अद्वितीय रूप से उनके ईश्वर के साथ एक संवाद का संवाद है, जिसमें उनकी भावनाओं का व्यक्तिगत रूप से अभिवादन होता है।

कृष्ण आरती का महत्व

  • आत्मा के संगीत: कृष्ण आरती का पाठ करते समय, आत्मा का एक अद्वितीय संगीत बजता है, जो हमारी भावनाओं को ऊंचाइयों तक पहुंचाता है।
  • आत्मिक शांति: इसका पाठ करने से हमारे मन की चंचलता कम होती है और हम आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं।
  • भगवान के साथ संवाद: कृष्ण आरती के माध्यम से हम अपने भगवान के साथ एक अद्वितीय संवाद में शामिल होते हैं, जिससे हमारा आत्मा उनके साथ जुड़ता है।

कृष्ण आरती का अद्वितीय अनुभव

कृष्ण आरती का पाठ करने के दौरान, भक्त हर विचार और भावना को अपने आप में समाहित करते हैं। इस अद्वितीय अनुभव में, वे भगवान के साथ एक मोहब्बत भरा संवाद अनुभव करते हैं।

कृष्ण आरती का पाठ कैसे करें

कृष्ण आरती का पाठ करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

1. तैयारी

  • एक शुद्ध और सुखद जगह चुनें जहां आप आराधना कर सकें।
  • आरती के पाठ के लिए आवश्यक सामग्री तैयार करें, जैसे कि दीपक, कर्पूर, और फूल।

2. मनोबल को तैयार करें

  • आरती का पाठ करते समय मन को शांत और ध्यानमग्न रखें।
  • भगवान श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को मजबूत करें।

3. आरती का पाठ

  • आरती का पाठ ध्यानपूर्वक करें, मन से।
  • संगीत के साथ कृष्ण आरती का पाठ करें और दीपक को भगवान के सामने घुमाएं।

4. आरती के बाद

  • आरती के बाद भगवान की प्रार्थना करें और आशीर्वाद मांगें।
  • आरती के प्रसाद को आपके परिवार और मित्रों के साथ बाँटें।

निष्कर्ष

कृष्ण आरती एक विशेष प्रक्रिया है जो भक्ति और आत्मा के साथ अद्वितीय संवाद का माध्यम है। इसका पाठ करने से हम आत्मा को ईश्वर के साथ जोड़ने का अनुभव करते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं।

FAQs (पूछे जाने वाले सवाल)

कृष्ण आरती का महत्व क्या है?

कृष्ण आरती का पाठ करने से भक्त अपने भगवान के साथ आत्मिक संवाद में शामिल होते हैं और आत्मिक शांति प्राप्त करते हैं।

कृष्ण आरती कब और कैसे की जाती है?

कृष्ण आरती विशेष धार्मिक आयोजनों में की जाती है, आमतौर पर मंदिरों में या भक्तिकेन्द्रों में सुबह और शाम।

कृष्ण आरती के बाद क्या महत्वपूर्ण है?

कृष्ण आरती के बाद, भक्त अपने जीवन में ईश्वर के प्रति अधिक समर्पित होने का प्रतिबद्ध रहते हैं और उनकी भावनाओं को दिनचर्या में शामिल करते हैं।

कृष्ण आरती का पाठ करने से कैसे आत्मिक शांति मिलती है?

कृष्ण आरती का पाठ करने से हमारे मन की चंचलता कम होती है और हम अपने भगवान के साथ एक गहरे संवाद में शामिल होते हैं, जिससे आत्मिक शांति मिलती है।

कृष्ण आरती का पाठ करने के लिए क्या सामग्री चाहिए?

कृष्ण आरती के पाठ के लिए दीपक, कर्पूर, फूल, गुड़, और पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है।