राम चालीसा, एक प्रसिद्ध हिंदी भजन है जो श्री राम भक्ति के लोगों द्वारा विशेष रूप से प्रार्थना और आराधना के लिए प्रयोग किया जाता है। यह चालीसा श्री राम की महिमा, गुणों, और उनके दिव्य कार्यों की महत्वपूर्ण सूची प्रस्तुत करती है। हिंदू धर्म में भगवान राम को सबसे प्रमुख देवता माना जाता है। रामायण की कथा, जिसमें उनकी महिमा और गुणगान वर्णित है, हमारे जीवन में दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करती है। राम चालीसा एक ऐसा दिव्य पाठ है जो राम भक्ति की महिमा का गान करने के लिए प्रयोग होता है। यह चालीसा भक्तों को दिल को छू लेने वाली अनुभूति देती है और उन्हें आनंद, शांति और सुख की प्राप्ति का मार्ग प्रदान करती है।
Ram Chalisa Chalisa Lyrics Hindi – श्री राम चालीसा पाठ
॥ चौपाई ॥
श्री रघुवीर भक्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ॥१॥
निशिदिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और नहिं होई ॥२॥
ध्यान धरे शिवजी मन माहीं। ब्रह्म इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥३॥
दूत तुम्हार वीर हनुमाना। जासु प्रभाव तिहूं पुर जाना ॥४॥
तब भुज दण्ड प्रचण्ड कृपाला। रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥५॥
तुम अनाथ के नाथ गुंसाई। दीनन के हो सदा सहाई ॥६॥
ब्रह्मादिक तव पारन पावैं। सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥७॥
चारिउ वेद भरत हैं साखी। तुम भक्तन की लज्जा राखीं ॥८॥
गुण गावत शारद मन माहीं। सुरपति ताको पार न पाहीं ॥९॥
नाम तुम्हार लेत जो कोई। ता सम धन्य और नहिं होई ॥१०॥
राम नाम है अपरम्पारा। चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥११॥
गणपति नाम तुम्हारो लीन्हो। तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हो ॥१२॥
शेष रटत नित नाम तुम्हारा। महि को भार शीश पर धारा ॥१३॥
फूल समान रहत सो भारा। पाव न कोऊ तुम्हरो पारा ॥१४॥
भरत नाम तुम्हरो उर धारो। तासों कबहुं न रण में हारो ॥१५॥
नाम शक्षुहन हृदय प्रकाशा। सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥१६॥
लखन तुम्हारे आज्ञाकारी। सदा करत सन्तन रखवारी ॥१७॥
ताते रण जीते नहिं कोई। युद्घ जुरे यमहूं किन होई ॥१८॥
महालक्ष्मी धर अवतारा। सब विधि करत पाप को छारा ॥१९॥
सीता राम पुनीता गायो। भुवनेश्वरी प्रभाव दिखायो ॥२०॥
घट सों प्रकट भई सो आई। जाको देखत चन्द्र लजाई ॥२१॥
सो तुमरे नित पांव पलोटत। नवो निद्घि चरणन में लोटत ॥२२॥
सिद्घि अठारह मंगलकारी। सो तुम पर जावै बलिहारी ॥२३॥
औरहु जो अनेक प्रभुताई। सो सीतापति तुमहिं बनाई ॥२४॥
इच्छा ते कोटिन संसारा। रचत न लागत पल की बारा ॥२५॥
जो तुम्हे चरणन चित लावै। ताकी मुक्ति अवसि हो जावै ॥२६॥
जय जय जय प्रभु ज्योति स्वरूपा। नर्गुण ब्रह्म अखण्ड अनूपा ॥२७॥
सत्य सत्य जय सत्यव्रत स्वामी। सत्य सनातन अन्तर्यामी ॥२८॥
सत्य भजन तुम्हरो जो गावै। सो निश्चय चारों फल पावै ॥२९॥
सत्य शपथ गौरीपति कीन्हीं। तुमने भक्तिहिं सब विधि दीन्हीं ॥३०॥
सुनहु राम तुम तात हमारे। तुमहिं भरत कुल पूज्य प्रचारे ॥३१॥
तुमहिं देव कुल देव हमारे। तुम गुरु देव प्राण के प्यारे ॥३२॥
जो कुछ हो सो तुम ही राजा। जय जय जय प्रभु राखो लाजा ॥३३॥
राम आत्मा पोषण हारे। जय जय दशरथ राज दुलारे ॥३४॥
ज्ञान हृदय दो ज्ञान स्वरूपा। नमो नमो जय जगपति भूपा ॥३५॥
धन्य धन्य तुम धन्य प्रतापा। नाम तुम्हार हरत संतापा ॥३६॥
सत्य शुद्घ देवन मुख गाया। बजी दुन्दुभी शंख बजाया ॥३७॥
सत्य सत्य तुम सत्य सनातन। तुम ही हो हमरे तन मन धन ॥३८॥
याको पाठ करे जो कोई। ज्ञान प्रकट ताके उर होई ॥३९॥
आवागमन मिटै तिहि केरा। सत्य वचन माने शिर मेरा ॥४०॥
और आस मन में जो होई। मनवांछित फल पावे सोई ॥४१॥
तीनहुं काल ध्यान जो ल्यावै। तुलसी दल अरु फूल चढ़ावै ॥४२॥
साग पत्र सो भोग लगावै। सो नर सकल सिद्घता पावै ॥४३॥
अन्त समय रघुबरपुर जाई। जहां जन्म हरि भक्त कहाई ॥४४॥
श्री हरिदास कहै अरु गावै। सो बैकुण्ठ धाम को पावै ॥४५॥
॥ दोहा ॥
सात दिवस जो नेम कर, पाठ करे चित लाय।
हरिदास हरि कृपा से, अवसि भक्ति को पाय॥
राम चालीसा जो पढ़े, राम चरण चित लाय।
जो इच्छा मन में करै, सकल सिद्घ हो जाय॥
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Table of Contents
राम चालीसा क्या है?
राम चालीसा, भगवान राम की स्तुति का एक प्रमुख स्रोत है। यह ग्रंथ चालीस पंक्तियों से मिलकर बना हुआ है और रामायण में वर्णित उनकी महिमा, गुणगान, और विभिन्न अवतारों की कथाओं को संक्षेप में व्यक्त करता है। इस चालीसा के पठन से राम भक्ति में वृद्धि होती है और मन को शुद्धि और चैतन्य मिलता है। राम चालीसा के पठन और समझने से अध्यात्मिक जीवन में स्थिरता और आनंद आता है।
राम चालीसा के लाभ
राम चालीसा के पठन और समझने के कई लाभ हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण लाभ दिए गए हैं:
- मन को शांति मिलती है: राम चालीसा के पठन से मन को शांति मिलती है और चिंताओं से मुक्ति होती है।
- आत्मिक सुधार: इस चालीसा का पठन करके हमारा आत्मिक सुधार होता है और हम अध्यात्मिक विकास की ओर बढ़ते हैं।
- भक्ति और समर्पण: राम चालीसा के पठन से हमारी भक्ति और समर्पण की भावना मजबूत होती है। हम भगवान की ओर अपनी आत्मा को समर्पित करते हैं।
राम चालीसा का महत्व
राम चालीसा, जैसा कि नाम से पता चलता है, चालीसा का एक रूप है जो श्री राम की प्रशंसा करता है। इस चालीसा के पाठ से श्रद्धालुओं को भगवान राम के गुणों के बारे में ज्ञान मिलता है और वे अपने जीवन में उन गुणों को अपनाने का प्रयास करते हैं। इसका उद्धेश्य है भक्तों को श्री राम की आराधना में सहायता प्रदान करना और उन्हें दिव्यता के एक अद्वितीय अनुभव को प्राप्त करने में मदद करना।
राम चालीसा के गुण
राम चालीसा श्री राम के विभिन्न गुणों को संग्रहित करती है और उनकी महिमा का बयान करती है। इसमें संशय नहीं कि राम चालीसा उनके अद्वितीय गुणों के समर्पण को प्रदर्शित करती है और श्रद्धालुओं को उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। इसके अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण गुण शामिल हैं:
श्री राम की वीरता
इस पाठ में वीर राम की महिमा गाई गई है। इसमें बताया गया है कि श्री राम ने भगवान शिव की आराधना करते हुए दशरथ राजा की प्रतिज्ञा पूरी की और राक्षस राजा रावण के प्रति धर्म की रक्षा की। यह उनकी वीरता और साहस को प्रमाणित करता है।
श्री राम का धर्मपरायण होना
इस पाठ में यह भी बताया गया है कि श्री राम धर्मपरायण थे और उन्होंने दिए गए धर्म के मार्ग पर चलते हुए बहुत सारे जीवों को बचाया। वे एक आदर्श राजा थे और उन्होंने अपने राज्य के लोगों के लिए सच्ची न्याय और सम्मान की प्रतीक्षा की।
श्री राम की परिपूर्णता
इस पाठ श्री राम की परिपूर्णता को भी दर्शाती है। वह भगवान का अवतार हैं और उन्होंने अपने जीवन में सभी गुणों को प्रदर्शित किया है। वे दयालु, सर्वशक्तिमान, और सभी के साथ धर्म के मार्ग पर चलने वाले हैं।
Conclusion (निष्कर्ष)
राम चालीसा श्री राम की महिमा, गुणों, और उनके दिव्य कार्यों की एक महत्वपूर्ण सूची है। इस चालीसा के पाठ से श्रद्धालु भक्तों को श्री राम की आराधना में सहायता मिलती है और उन्हें उनके गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित करती है। यह चालीसा भगवान राम के आदर्शों को समझने और उन्हें अपने जीवन में अमल करने का एक अद्वितीय तरीका है। इसलिए, इनके को नियमित रूप से पाठ करने से हम अपने मन को शांति, संयम, और भक्ति की प्राप्ति में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
राम चालीसा क्या है?
यह एक हिंदी भजन है जो श्री राम के गुणों की महिमा का बयान करता है। यह चालीसा उनकी आराधना और प्रशंसा के लिए प्रयोग की जाती है।
क्या राम चालीसा का पाठ करने से कोई लाभ होता है?
हाँ, इनके के पाठ से श्रद्धालु भक्तों को मानसिक शांति, आत्मिक संयम, और भक्ति की वृद्धि मिलती है।
राम चालीसा कब पाठ की जाती है?
इनके प्रतिदिन पाठ करने से श्रद्धालु भक्तों को अधिक लाभ मिलता है। यह सुबह और शाम में पाठ की जा सकती है।
राम चालीसा की विशेषताएं क्या हैं?
राम चालीसा श्री राम के गुणों की सूची है और इसका पाठ करने से श्रद्धालुओं को उनके गुणों को प्राप्त करने में सहायता मिलती है। यह एक प्रसिद्ध भक्तिगीत है और भक्तों द्वारा प्यार से गायी जाती है।
क्या राम चालीसा को किसी विशेष अवस्था में पठन करना चाहिए?
राम चालीसा को किसी भी विशेष अवस्था में पठन किया जा सकता है। आप इसे सुबह उठकर, संध्या के समय, या अपने अध्यात्मिक साधना के समय पठ सकते हैं।