भारतीय धर्मग्रंथों के अनुरूप, विष्णु स्तुति एक आध्यात्मिक स्तुति है जो भगवान विष्णु की उपासना में गाया जाता है। इस गीत में भगवान के विभिन्न रूपों, उनकी दिव्य शक्तियों, और उनके विशेष स्थान की महिमा का बखान किया जाता है। इसका जाप करने से भक्तों को मानसिक शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है। निरंतर विष्णु स्तुति के जाप से जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति मिलने की आस्था है।
Vishnu Stuti Lyrics – विष्णु स्तुति
॥ विष्णु स्तुति॥
शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम्।१
लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम्।।२
यं ब्रह्मा वरुणैन्द्रु रुद्रमरुत: स्तुन्वानि दिव्यै स्तवैवेदे:।३
सांग पदक्रमोपनिषदै गार्यन्ति यं सामगा:।४
ध्यानावस्थित तद्गतेन मनसा पश्यति यं योगिनो
यस्यातं न विदु: सुरासुरगणा दैवाय तस्मै नम:।।५