सनातन धरोहर और परंपरागत संस्कृति में, आरती एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रथा है जो हमारे समाज में अनूठा एवं गहरा स्थान रखती है। विश्वकर्मा आरती, जो विश्वकर्मा भगवान को समर्पित है, एक ऐसा सांगीतिक आरती है जो सामाजिक सांस्कृतिक समृद्धि की ऊंचाइयों को छूने का प्रयास करता है। (See विश्वकर्मा चालीसा in hindi)
Sri Vishwakarma Aarti Hindi Lyrics – श्री विश्वकर्मा जी की आरती
॥ श्री विश्वकर्मा आरती ॥
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा॥१
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
आदि सृष्टि मे विधि को, श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्र का जग में, ज्ञान विकास किया॥२
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
ऋषि अंगीरा तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥३
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःखा कीना॥४
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
जब रथकार दंपति, तुम्हारी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत सगरी हरी॥५
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप साजे॥६
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
ध्यान धरे तब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन द्विविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥७
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
श्री विश्वकर्मा की आरती, जो कोई गावे।
भजत गजानांद स्वामी, सुख संपति पावे॥८
जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के करता, रक्षक स्तुति धर्मा॥
Vishwakarma ji ki Aarti Lyrics in Hindi PDF विश्वकर्मा आरती PDF
Vishwakarma Aarti Lyrics in Hindi Image
Sri Vishwakarma Aarti Lyrics Audio/Video
Table of Contents
Introduction : विश्वकर्मा आरती
विश्वकर्मा आरती, हिन्दू संस्कृति में एक महत्वपूर्ण पूजा पद्धति है जो कार्यशीलता और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अर्चना की जाती है। यह पूजा भगवान विश्वकर्मा को समर्पित है, जिन्हें कारिगरों और उद्यमियों का प्रमुख दैवत माना जाता है।
विश्वकर्मा आरती का महत्व
विश्वकर्मा आरती का अद्वितीयता और महत्व हमारे समाज में अंगीकृत होता है। इसे रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में एक साधारिता का हिस्सा माना जाता है और इसका पालन करने से समाज में एकता और सामूहिक सहयोग की भावना उत्तेजित होती है।
विश्वकर्मा आरती के लाभ
आध्यात्मिक लाभ
विश्वकर्मा आरती का अनुसरण करने से आत्मिक शांति और ध्यान की प्राप्ति होती है। इसका सुनना और गाना व्यक्ति को आध्यात्मिक साधना की दिशा में मदद करता है।
समुदाय से जुड़ाव
आरती के समय समुदाय का एकजुट होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। लोग मिलकर इस सांस्कृतिक पर्व को यादगार बनाते हैं और साझा करते हैं।
विश्वकर्मा आरती का विवेचन
श्लोक-श्लोक का विश्लेषण
विश्वकर्मा आरती के प्रति गहरा समर्पण होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्लोक-श्लोक का विवेचन करने से आरती के संदेश को समझना और उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना समर्थ होता है।
आरती में भगवान के भूमिका का समझना
आरती के कुछ विशेष भागों का विश्लेषण करके भक्त भगवान विश्वकर्मा की भूमिका को समझ सकते हैं और उनके जीवन में उसके सिद्धांतों को अपना सकते हैं।
निष्कर्ष
इस सांस्कृतिक गाने की गहराईयों में डूबकर हम देखते हैं कि विश्वकर्मा आरती न केवल एक पूजा है, बल्कि यह एक संगीत है, एक विरासत है, और एक आत्मा का सार है। इस सांस्कृतिक महत्वपूर्णता को समझने के लिए इसे वास्तविकता में अनुभव करना आवश्यक है।
FAQs (पूछे जाने वाले सवाल)
क्या विश्वकर्मा आरती सिर्फ हिन्दू धार्मिक अवसरों पर ही ध्यान केंद्रित है?
नहीं, यह आरती सिर्फ हिन्दू समाज में ही नहीं, बल्कि विभिन्न स्थानों और समुदायों में भी मनाई जाती है।
क्या इसे केवल कला और शिल्पकला से जोड़ा जा सकता है?
नहीं, विश्वकर्मा आरती का महत्व केवल कला और शिल्पकला से ही नहीं, बल्कि यह व्यापक रूप से उद्यमिता और कारोबार से भी जुड़ा है।
क्या यह आरती केवल पूजा अवसरों पर ही सुनी/पढ़ी जा सकती है?
नहीं, विश्वकर्मा आरती को साल भर में कई अवसरों पर सुना/पढ़ा जा सकता है, जो विभिन्न समाजों और समुदायों में विभिन्न रूपों में मनाए जाते हैं।