दुर्गा स्तुति एक वेदिक श्लोक है जो माँ दुर्गा की महिमा का वर्णन करता है। इस श्लोक का उच्चारण और सुनना भक्तों के लिए बहुत शुभ होता है। इस श्लोक के अनुवाद के अनुसार, माँ दुर्गा शक्ति की देवी हैं जो समस्त ब्रह्माण्ड को निर्माण करती हैं। इस श्लोक में उनकी महिमा का वर्णन किया गया है जो उनकी शक्ति और उनके दया के बारे में बताता है।
दुर्गा स्तुति का उच्चारण और सुनना भक्तों के लिए बहुत शुभ होता है। इसके अलावा, इस श्लोक का अध्ययन करने से भक्तों को शक्ति और उनके जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए जरूरी ज्ञान प्राप्त होता है। इस श्लोक के अनुसार, माँ दुर्गा अपने भक्तों की समस्याओं को दूर करती हैं और उन्हें शक्ति और सफलता प्रदान करती हैं। (See दुर्गा चालीसा in hindi)
Durga Stuti Lyrics – दुर्गा स्तुति
॥ दुर्गा स्तुति॥
हे सिंहवाहिनी,
शक्तिशालिनी,
कष्टहारिणी माँ दुर्गे।
महिषासुरमर्दिनि,
भव भय भंजनि,
शक्तिदायिनी माँ दुर्गे।
तुम निर्बल की रक्षक,
भक्तों का बल विश्वास बढ़ाती हो
दुष्टों पर बल से विजय प्राप्त करने का पाठ पढ़ाती हो।
हे जगजननी, रणचण्डी,
रण में शत्रुनाशिनी माँ दुर्गे।
जग के कण-कण में
महाशक्ति की व्याप्त अमर तुम चिंगारी
दृढ़ निश्चय की निर्भय प्रतिमा,
जिससे डरते अत्याचारी।
हे शक्ति स्वरूपा,
विश्ववन्द्य, कालिका, मानिनि माँ दुर्गे।
तुम परब्रम्ह की परम ज्योति
दुष्टों से जग की त्राता हो
पर भावुक भक्तों की कल्याणी परमवत्सला माता हो।
निशिचर विदारिणी,
जग विहारिणि, स्नेहदायिनी माँ दुर्गे।