सन्तोषी माँ की आरती – Santoshi Maa ki Aarti

Santoshi Mata Aarti

हिंदू धर्म में भगवान की अनेक रूपों का पूजन किया जाता है, और इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है संतोषी माँ की आरती। संतोषी माँ भगवान वैष्णवी देवी तुलसी की एक अवतार हैं और इन्हें संतोषी माता और संतोषी देवी के रूप में भी जाना जाता है। भक्तों के मन में आनंद, समृद्धि, और समाधान की प्रतीक हैं। (See संतोषी चालीसा in hindi)

Santoshi Mata ki aarti Hindi Lyrics – संतोषी माँ की आरती

॥ श्री सन्तोषी माता जी की आरती ॥

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता । अपने सेवक जन को, सुख संपत्ति दाता ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

सुंदर, चीर सुनहरी, मां धारण कीन्हो । हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार लीन्हो ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे । मंद हंसत करूणामयी, त्रिभुवन जन मोहे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरे प्यारे । धूप, दीप, मधुमेवा, भोग धरें न्यारे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो । संतोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

जय शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही । भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई । विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै । जो मन बसे हमारे, इच्छा फल दीजै ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

दुखी, दरिद्री ,रोगी , संकटमुक्त किए । बहु धनधान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिए ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो । पूजा कथा श्रवण कर, घर आनंद आयो ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदंबे । संकट तू ही निवारे, दयामयी अंबे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

संतोषी मां की आरती, जो कोई नर गावे । ॠद्धिसिद्धि सुख संपत्ति, जी भरकर पावे ॥
जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता..

Santoshi Maa ki Aarti Lyrics in Hindi PDF संतोषी आरती PDF

Santoshi Aarti Lyrics in Hindi Image

Santoshi Maa Aarti Lyrics Hindi

Maa Santoshi Aarti Lyrics Audio/Video

भक्ति की एक उच्चतम अभिव्यक्ति: संतोषी माँ की आरती

आरती हिंदू धर्म में भक्ति और आदर्शता की एक अद्भुत अभिव्यक्ति है। संतोषी माता की आरती एक विशेष रूप से माँ संतोषी को समर्पित है, जिन्हें संतोषी माता के रूप में भी जाना जाता है। यह आरती कई श्रद्धालु द्वारा रोजाना प्रातः और सायंकाल में चांडीगढ़, भारत और अन्य कई स्थानों पर चमकती है। यह भक्तों के मन को शांत करती है और उन्हें आशीर्वाद देने का विशेष मौका प्रदान करती है।

सन्तोषी माँ की आरती का महत्व

भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक

आरती करना एक शक्तिशाली तरीका है अपने ईश्वर के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा का प्रदर्शन करने का। यह आरती करने वाले व्यक्ति की भावना को मजबूत बनाता है और उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की अनुभूति होती है।

संतोषी माँ का आशीर्वाद

संतोषी माता की आरती में दिए गए श्लोक और मंत्र भगवानी संतोषी माँ के आशीर्वाद को आमंत्रित करते हैं। भक्त उनकी कृपा को प्राप्त करते हैं और उनके जीवन में खुशियां और समृद्धि आती है।

संतोषी माँ की सेवा और समर्पण

संतोषी आरती के द्वारा भक्त अपनी सेवा और समर्पण के भाव से प्रशंसा करते हैं। यह उन्हें विनम्रता और समर्पण की भावना से भर देता है और उन्हें अपने ईश्वर के साथ गहरा संबंध महसूस होता है।

संतोषी माँ की आरती के लाभ

  • समृद्धि की प्राप्ति: संतोषी माँ की आरती का नियमित रूप से करने से व्यक्ति को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • सुख-शांति का साधना: आरती करने से भगवान् संतोषी माँ अपने भक्तों को सुख-शांति प्रदान करती हैं और उनके जीवन को खुशियों से भर देती हैं।

निष्कर्ष

संतोषी माँ की आरती के द्वारा, हम अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए भगवान् संतोषी माँ की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं। इस आरती को नियमित रूप से करने से हमारे जीवन को आनंदमय और समृद्ध बनाने में मदद मिलती हैं। इसलिए, हम सभी को संतोषी माँ की आरती का नियमित रूप से पालन करना चाहिए और अपने जीवन को सुख और समृद्धि से भर देने के लिए उनकी कृपा का आशीर्वाद लेना चाहिए।

प्रश्नोत्तर (FAQs)

संतोषी आरती क्या है?

संतोषी माँ की आरती भगवान संतोषी माता को समर्पित एक मांगलिक आरती है जो उनके भक्तों के जीवन में समृद्धि, सुख, और शांति की प्राप्ति के लिए प्रयोग की जाती है।

संतोषी माता को किस तरह प्रसन्न किया जाता है?

संतोषी माता को भक्त उनकी आरती के द्वारा प्रसन्न करते हैं और उन्हें समर्पित भोग चढ़ाते हैं। इसके अलावा, उन्हें फूल, चावल, और बेल पत्र से भी अर्चना की जाती है।

संतोषी माँ की आरती कब की जाती है?

संतोषी आरती भक्तों द्वारा शुक्रवार और मंगलवार को सबसे अधिक प्रयोग की जाती है। इन दिनों को संतोषी माता के व्रत के रूप में मनाया जाता है और भक्त इस आरती का पाठ करके उनके आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।

संतोषी माता आरती का विधान क्या है?

संतोषी आरती का पाठ करते समय, भक्तों को मांगलिक मंत्रों का जाप करना होता है और फिर वे मां संतोषी माता की मूर्ति के सामने दीपक जलाते हैं। इसके बाद आरती गानी हाथ में करके आरती उतारते हैं और अपनी प्रार्थना करते हैं।

संतोषी माता की आरती की प्रक्रिया कितनी लंबी होती है?

संतोषी आरती की प्रक्रिया लगभग 10-15 मिनट की होती है। भक्त इसे अपनी श्रद्धा और भावुकता के साथ करते हैं और भगवान संतोषी माता के आशीर्वाद को प्राप्त करते हैं।