संतोषी माता के भक्त भी संतोषी चालीसा का विशेष महत्व देते हैं। यह चालीसा उनके भक्तों को माँ संतोषी के गुणों का वर्णन करती है और उनके वरदान की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करती है। संतोषी चालीसा के पाठ से भक्त को आनंद, समृद्धि, और संतुष्टि की भावना का अनुभव होता है।
Santoshi Chalisa Lyrics Hindi – संतोषी माता चालीसा पाठ
॥ दोहा ॥
बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।
ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥
भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।
कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥
॥ चौपाई ॥
जय सन्तोषी मात अनूपम । शान्ति दायिनी रूप मनोरम ॥१॥
सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा । वेश मनोहर ललित अनुपा ॥२॥
श्वेताम्बर रूप मनहारी । माँ तुम्हारी छवि जग से न्यारी ॥३॥
दिव्य स्वरूपा आयत लोचन । दर्शन से हो संकट मोचन ॥४॥
जय गणेश की सुता भवानी । रिद्धि- सिद्धि की पुत्री ज्ञानी ॥५॥
अगम अगोचर तुम्हरी माया । सब पर करो कृपा की छाया ॥६॥
नाम अनेक तुम्हारे माता । अखिल विश्व है तुमको ध्याता ॥७॥
तुमने रूप अनेकों धारे । को कहि सके चरित्र तुम्हारे ॥८॥
धाम अनेक कहाँ तक कहिये । सुमिरन तब करके सुख लहिये ॥९॥
विन्ध्याचल में विन्ध्यवासिनी । कोटेश्वर सरस्वती सुहासिनी ॥१०॥
कलकत्ते में तू ही काली । दुष्ट नाशिनी महाकराली ॥११॥
सम्बल पुर बहुचरा कहाती । भक्तजनों का दुःख मिटाती ॥१२॥
ज्वाला जी में ज्वाला देवी । पूजत नित्य भक्त जन सेवी ॥१३॥
नगर बम्बई की महारानी । महा लक्ष्मी तुम कल्याणी ॥१४॥
मदुरा में मीनाक्षी तुम हो । सुख दुख सबकी साक्षी तुम हो ॥१५॥
राजनगर में तुम जगदम्बे । बनी भद्रकाली तुम अम्बे ॥१६॥
पावागढ़ में दुर्गा माता । अखिल विश्व तेरा यश गाता ॥१७॥
काशी पुराधीश्वरी माता । अन्नपूर्णा नाम सुहाता ॥१८॥
सर्वानन्द करो कल्याणी । तुम्हीं शारदा अमृत वाणी ॥१९॥
तुम्हरी महिमा जल में थल में । दुःख दारिद्र सब मेटो पल में ॥२०॥
जेते ऋषि और मुनीशा । नारद देव और देवेशा ॥२१॥
इस जगती के नर और नारी । ध्यान धरत हैं मात तुम्हारी ॥२२॥
जापर कृपा तुम्हारी होती । वह पाता भक्ति का मोती ॥२३॥
दुःख दारिद्र संकट मिट जाता । ध्यान तुम्हारा जो जन ध्याता ॥२४॥
जो जन तुम्हरी महिमा गावै । ध्यान तुम्हारा कर सुख पावै ॥२५॥
जो मन राखे शुद्ध भावना । ताकी पूरण करो कामना ॥२६॥
कुमति निवारि सुमति की दात्री । जयति जयति माता जगधात्री ॥२७॥
शुक्रवार का दिवस सुहावन । जो व्रत करे तुम्हारा पावन ॥२८॥
गुड़ छोले का भोग लगावै । कथा तुम्हारी सुने सुनावै ॥२९॥
विधिवत पूजा करे तुम्हारी । फिर प्रसाद पावे शुभकारी ॥३०॥
शक्ति-सामरथ हो जो धनको । दान-दक्षिणा दे विप्रन को ॥३१॥
वे जगती के नर औ नारी । मनवांछित फल पावें भारी ॥३२॥
जो जन शरण तुम्हारी जावे । सो निश्चय भव से तर जावे ॥३३॥
तुम्हरो ध्यान कुमारी ध्यावे । निश्चय मनवांछित वर पावै ॥३४॥
सधवा पूजा करे तुम्हारी । अमर सुहागिन हो वह नारी ॥३५॥
विधवा धर के ध्यान तुम्हारा । भवसागर से उतरे पारा ॥३६॥
जयति जयति जय संकट हरणी । विघ्न विनाशन मंगल करनी ॥३७॥
हम पर संकट है अति भारी । वेगि खबर लो मात हमारी ॥३८॥
निशिदिन ध्यान तुम्हारो ध्याता । देह भक्ति वर हम को माता ॥३९॥
यह चालीसा जो नित गावे । सो भवसागर से तर जावे ॥४०॥
॥ दोहा ॥
संतोषी माँ के सदा बंदहूँ पग निश वास ।
पूर्ण मनोरथ हो सकल मात हरौ भव त्रास ॥
Santoshi Chalisa Lyrics in Hindi PDF संतोषी माता चालीसा PDF
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Table of Contents
संतोषी माता के गुण
कृपालु और दयालु देवी
संतोषी माता हमारे जीवन में अपनी कृपा और सौहार्द से विख्यात हैं। उनकी कृपा से हमारे मन को शांति मिलती है और हमें सभी संकटों से बचाती हैं। विश्व में अनेक भक्तों की आसरा हैं और हर किसी के प्रति उनकी दया असीम है।
समृद्धि और सौभाग्य की देवी
संतोषी माता समृद्धि और सौभाग्य की देवी के रूप में भी जानी जाती हैं। उनकी भक्ति से घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है। विशेष रूप से विवाहित जोड़े उनकी कृपा से धन्य होते हैं और उनके जीवन में सुख की किरणें बिखरती हैं।
संतोषी चालीसा के लाभ
मन को शांति प्रदान करती है
संतोषी चालीसा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है। जीवन में आने वाली चुनौतियों से लड़ने की क्षमता मिलती है और हम अपने जीवन को खुशियों से भर देते हैं।
समस्त संकटों से मुक्ति प्रदान करती है
संतोषी माता की चालीसा का पाठ करने से हम समस्त संकटों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। उनकी कृपा से हमें विश्वास होता है कि वह हमें हर दुःख से बचाएँगी और हमारे जीवन में सुख और समृद्धि की बरसात करेंगी।
संतोषी माता के भक्ति के चमत्कारी फल
आनंद, शांति और समृद्धि का अनुभव
संतोषी माता के भक्ति के चमत्कारी फल से जीवन में आनंद, शांति और समृद्धि का अनुभव होता है। उनके आशीर्वाद से हमारे जीवन की सभी दिक्कतें दूर हो जाती हैं और हम खुशियों से भर जाते हैं।
संतोषी माता के श्रेष्ठ भक्त बन जाने का मौका
संतोषी माता के भक्ति के चमत्कारी फल से हम संतोषी माता के श्रेष्ठ भक्त बन जाते हैं। हमारी भक्ति से वह हमें अपने समीप आने का मौका देती हैं और हम उनके प्रिय भक्त बन जाते हैं।
Conclusion (निष्कर्ष)
इस अद्भुत चालीसा के माध्यम से हम संतोषी माता के दिव्य स्वरूप को समझते हैं और उनके प्रति अपनी भक्ति को प्रकट करते हैं। संतोषी माता की भक्ति से जीवन में आनंद, शांति और समृद्धि का आनंद लें और अपने जीवन को उनकी कृपा से सजाएं। इस आनंदभरी चालीसा के जरिए संतोषी माता की आराधना करें और उनके असीम आशीर्वाद का भोग उठाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ’s)
संतोषी माता की चालीसा क्या है?
संतोषी माता चालीसा एक भक्ति ग्रंथ है जिसमें संतोषी माता की महिमा और उनके भक्तों के चमत्कार वर्णित हैं। इस चालीसा को पढ़कर और सुनकर भक्त उन्हें प्रसन्न करते हैं और अपने जीवन को खुशियों से भर देते हैं।
संतोषी माता की चालीसा का पाठ कब और कैसे करें?
संतोषी माता की चालीसा को शुक्रवार को उनके पूजा के समय पाठ करना शुभ माना जाता है। इसे ध्यान के माध्यम से पढ़ने से भक्त के मन में अपनी भक्ति की भावना उद्भवित होती है और उन्हें संतोषी माता के प्रति अधिक समर्पित महसूस होता है।
संतोषी माता की चालीसा के जप के क्या फायदे हैं?
संतोषी माता की चालीसा का जाप करने से भक्त को मन को शांति मिलती है और समस्त संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस चालीसा का नियमित जाप करने से भक्त का जीवन सुखी और समृद्धि से भर जाता है।
संतोषी माता की चालीसा कैसे धार्मिक उत्सवों में महत्वपूर्ण है?
संतोषी माता की चालीसा धार्मिक उत्सवों में भक्तों द्वारा उत्साहपूर्वक पढ़ी जाती है। विशेष रूप से शुक्रवार को उनके पूजा के समय इस चालीसा का पाठ करना अधिक पुण्यदायी माना जाता है और भक्तों को संतोषी माता के आशीर्वाद का अनुभव होता है।
संतोषी माता की चालीसा के जरिए भक्ति कैसे प्रकट करें?
संतोषी माता की चालीसा का पाठ करने से भक्त अपनी भक्ति को प्रकट करते हैं। इसे ध्यान से पढ़ने से भक्त का मन संतोषी माता के ध्यान में लगता है और उन्हें अपने जीवन को उनके श्रेष्ठ भक्त बनाने का सौभाग्य प्राप्त होता है।