धर्मशास्त्र स्तुति दशकम् Dharma Sastha Stuti Dasakam

Dharma Sastha Stuti Dasakam - धर्मशास्त्र स्तुति दशकम्

कमला स्तुति हिन्दू धर्म में माँ कमला की महिमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पूरे भारत में उनकी पूजा और स्तुति का अद्वितीय तरीके से मनाने का एक विशेष तरीका है। इसमें माँ कमला के गुणों, कल्याणकारी शक्तियों, और उनके भक्तों पर प्रभाव के बारे में गाया जाता है। यह प्राथमिक रूप से माँ कमला की पूजा के दौरान गाया जाता है और इसका महत्वपूर्ण स्थान हिन्दू धर्म में है। (See कृष्ण चालीसा in hindi)

Dharma Sastha Stuti Dasakam Lyrics – धर्मशास्त्र स्तुति दशकम्

॥ धर्मशास्त्र स्तुति दशकम्॥

आशानुरूपफलदं चरणारविन्द-भाजामपारकरुणार्णवपूर्णचन्द्रम् ।

नाशाय सर्वविपदामपि नौमि नित्यं ईशानकेशवभुवं भुवनैकनाथम् ॥ १ ॥

पिञ्छावलीवलयिताकलितप्रसून-संजातकान्तिभरभासुर के शभारम् ।

शिञ्जानमञ्जुमणिभूषितरञ्जिताङ्गं चन्द्रावतंसहरिनन्दनमाश्रयामि ॥ २ ॥

आलोलनीलललितालकहाररम्यं आकम्रनासमरुणाधरमायताक्षम् ।

आलम्बनं त्रिजगतां प्रमथाधिनाथं आनम्रलोकहरिनन्दनमाश्रयामि ॥ ३ ॥

कर्णावलम्बिमणिकुण्डलभासमान-गण्डस्थलं समुदिताननपुण्डरीकम् ।

अर्णोजनाभहरयोरिव मूर्तिमन्तं पुण्यातिरेकमिव भूतपतिं नमामि ॥ ४ ॥

उद्दण्डचारुभुजदण्डयुगाग्रसंस्थ-कोदण्डबाणमहितान्तमदान्तवीर्यम् ।

उद्यत्प्रभापटलदीप्रमदभ्रसारं नित्यं प्रभापतिमहं प्रणतो भवामि ॥ ५ ॥

मालेयपङ्कसमलङ्कृतभासमान-दोरन्तरालतरलामलहारजालम् ।

नीलातिनिर्मलदुकूलधरं मुकुन्द-कालान्तकप्रतिनिधिं प्रणतोऽस्मि नित्यम् ॥ ६ ॥

यत्पादपङ्कजयुगं मुनयोऽप्यजस्रं भक्त्या भजन्ति भवरोगनिवारणाय ।

पुत्रं पुरान्तकमुरान्तकयोरुदारं नित्यं नमाम्यहममित्रकुलान्तकं तम् ॥ ७ ॥

कान्तं कलायकुसुमद्युति लोभनीय-कान्तिप्रवाहविलसत् कमनीयरूपम् ।

कान्तातनूजसहितं निखिलामयौघ शन्तिप्रदं प्रमथनाथमहं नमामि ॥ ८ ॥

भूतेश भूरिकरुणामृतपूरपूर्ण-वारान्निधे वरद भक्तजनैकबन्धो ।

पायात् भवान् प्रणतमेनमपारगघोर-संसारभीतमिह मामखिलामयेभ्यः ॥ ९ ॥

हे भूतनाथ भगवन् भवदीयचारु-पादाम्बुजे भवतु भक्तिरचञ्चला मे ।

नाथाय सर्वजगतां भजतां भवाब्धि-पोताय नित्यमखिलाङ्गभुवे नमस्ते ॥ १० ॥

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