गीर ललिताम्बिका स्तुति Maa Lalitambika Stuti

Maa Lalitambika Stuti - गीर ललिताम्बिका स्तुति

गीर ललिताम्बिका स्तुति में श्री ललिताम्बिका देवी के अनेक गुणों और अनुग्रहों का उल्लेख है। यह एक श्लोकों से बना हुआ स्तोत्र है, जिसे पढ़ने से मनुष्य का जीवन शांत, सुखी, समृद्ध, स्वस्थ, भक्तिमय और मुक्त होता है। इस स्तोत्र के कर्ता का नाम ज्ञात नहीं है, परन्तु इसकी श्रीविद्या साधना से संबंधितता है। इस स्तोत्र को गीर ललिताम्बिका स्तुति कहते हैं, क्योंकि इसमें देवी का गीर यानि पर्वत पर विराजमान ललिता यानि सुन्दर स्वरूप का गुणगान किया गया है। (See श्री राम चालीसा in hindi)

Maa Lalitambika Stuti Lyrics – गीर ललिताम्बिका स्तुति

॥ गीर ललिताम्बिका स्तुति॥

कञ्जाक्षमुख्यामर पूजिताभ्यां निजाश्रिताशेषवरप्रदाभ्याम्।

शृङ्गाद्रिकाञ्चीपुरवासिनीभ्यां नमो नमो गीर्ललिताम्बिकाभ्याम्॥१॥

एकान्तपूजापरितुष्टहृद्भ्या-मेकाक्षरीशीलनलब्धपद्भ्याम्।

विधीशचित्ताब्जरविप्रभाभ्यां नमो नमो गीर्ललिताम्बिकाभ्याम्॥२॥

ईहाम्बुधेर्बाडवभारभृद्भ्या-मीकारयुङ्मन्त्रविबोधिताभ्याम्।

अजास्य शम्भ्वङ्कविभूषणाभ्यां नमो नमो गीर्ललिताम्बिकाभ्याम्॥३॥