द्रौपदी कृत श्रीकृष्ण स्तुति Draupadi Krita Sri-Krishna Stuti

Draupadi Krita Sri-Krishna Stuti - द्रौपदी कृत श्रीकृष्ण स्तुति

हिन्दू धर्म में भगवान कृष्ण को सबसे प्रिय और पूज्य देवता माना जाता है। कृष्ण स्तुति, भक्ति और आत्मसाक्षात्कार का एक माध्यम है, जिसे श्रद्धालुओं ने शारदीय और आध्यात्मिक जीवन का हिस्सा बनाया है। कृष्ण स्तुति एक अद्वितीय भक्ति रूप है जो हमें भगवान कृष्ण के साथ एकात्म्य एवं आत्मा के साक्षात्कार की दिशा में मार्गदर्शन करती है। (See कृष्ण चालीसा in hindi)

Draupadi Krita Sri-Krishna Stuti Lyrics – द्रौपदी कृत श्रीकृष्ण स्तुति

॥ द्रौपदी कृत श्रीकृष्ण स्तुति॥

शङ्खचक्रगदापाणॆ! द्वरकानिलयाच्युत!

गोविन्द! पुण्डरीकाक्ष!रक्ष मां शरणागताम् ॥

हा कृष्ण! द्वारकावासिन्! क्वासि यादवनन्दन!

इमामवस्थां सम्प्राप्तां अनाथां किमुपेक्षसे ॥

गोविन्द! द्वारकावासिन् कृष्ण! गोपीजनप्रिय!

कौरवैः परिभूतां मां किं न जानासि केशव! ॥

हे नाथ! हे रमानाथ! व्रजनाथार्तिनाशन!

कौरवार्णवमग्नां मामुद्धरस्व जनार्दन! ॥

कृष्ण! कृष्ण! महायोगिन् विश्वात्मन्! विश्वभावन!

प्रपन्नां पाहि गोविन्द! कुरुमध्येऽवसीदतीम् ॥

नीलोत्पलदलश्याम! पद्मगर्भारुणेक्षण!

पीतांबरपरीधान! लसत्कौस्तुभभूषण! ॥

त्वमादिरन्तो भूतानां त्वमेव च परा गतिः।

विश्वात्मन्! विश्वजनक! विश्वहर्तः प्रभोऽव्यय! ॥

प्रपन्नपाल! गोपाल! प्रजापाल! परात्पर!

आकूतीनां च चित्तीनां प्रवर्तक नतास्मि ते ॥

Draupadi Krita Sri-Krishna ji ki Stuti Lyrics in Hindi PDF द्रौपदी कृत श्रीकृष्ण PDF

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